‘विक्रम गोखले के साथ काम करने का मेरा सपना अधूरा रह गया’ ! सिंटा द्वारा रखी गई शोक-सभा में छलका शबाना आज़मी का दर्द !

‘विक्रम गोखले के साथ काम करने का मेरा सपना अधूरा रह गया’ ! सिंटा द्वारा रखी गई शोक-सभा में छलका शबाना आज़मी का दर्द !

फिल्मी पर्दे के चहेते, अभिनय की खान और दर्शकों के दिल को छू लेनेवाले लीजेंड अभिनेता श्री विक्रम गोखले आज हमारे बीच नही हैं लेकिन उनके द्वारा किये गए अद्भुत अदाकारी के नजराने फिल्मी इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुके हैं। सिंटा ने हाल ही में दिवंगत विक्रम जी के आत्मा की शांति के लिए मुम्बई के इस्कॉन मंदिर में एक शोक सभा का आयोजन किया जहा पर विक्रम गोखले जी की पत्नी ऋशाली गोखले के अलावा शबाना आज़मी,जॉनी लीवर, सिंटा जनरल सेक्रेटरी अमित बहल,सिंटा खजिनदार अभय भार्गव, संजय भाटिया,स्मिता जयकर, गजेंद्र चौहान,वरुण वडोला,राजेश्वरी सचदेव,रवि झांकल,सुधीर पांडे,दीपक काज़ीर केजरीवाल,अनंग देसाई और सिंटा एग्जीक्यूटिव कमिटी के मेंबर्स मौजूद थे।
डोमिनिक लुकर, जनरल सेक्रेटरी ऑफ फ़िया (FIA) ने एकजुटता दिखाते हुए ग्लोबल यूनियन के पक्ष से कहा कि,” इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एक्टर्स(FIA), परफॉर्मर्स यूनियंस,गिल्डस और प्रोफेशनल एसोसिएशन का 25 देशों में प्रतिनिधित्व करती हैं और हमे खेद हैं राष्ट्रीय पुरष्कार विजेता श्री विक्रम गोखले,सिंटा के प्रेजिडेंट और बॉलीवुड के बेहद प्रतिभाशाली अभिनेता के गुजर जाने का।
भारतीय फिल्म उद्योग में एक उत्कृष्ट परिवार से आनेवाले, विक्रम गोखले, अविश्वसनीय रूप से एक प्रतिभाशाली अभिनेता थे, जो अपने उम्दा अभिनय के दम पर भारत और विदेश में मराठी थिएटर के साथ-साथ हिंदी फिल्मों और टेलीविजन में सैकड़ों भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध और सम्मानित थे। अभिनय का खजाना विक्रम गोखले जी, एक्टिंग की एक पाठशाला थे। एक ऐसे अपार सागर थे जिसकी एक बून्द के स्पर्श से ही नई प्रतिभाओं को अभिनय के कई आयाम सीखने मिलते। एक मेहनती और पूर्णतावादी अभिनेता, उन्होंने अपनी प्रतिभा को बेहतरीन शिल्प के लिए तराशा, शानदार प्रदर्शन दिया जो आने वाले समय के लिए सभी की याद में रहेगा।
विक्रम गोखले, एक दृढ़ सामाजिक कार्यकर्ता और एक निस्वार्थ इंसान भी थे, जो अपना अधिकांश समय और संसाधन जरूरतमंद लोगों और साथी कलाकारों की मदद करने में लगा देते थे। सिंटा प्रेजिडेंट होने की वजह से वो सिंटा के हर एक प्रतिनिधि के लिए आदर्श थे और रहेंगे। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में, CINTAA वास्तव में एक समावेशी और प्रतिनिधि संघ बन गया है, जो भारत में सभी कलाकारों को उनके हक और अधिकार के लिए हमेशा बंधित और कार्यरत रहते हैं।
सिंटा के जनरल सेक्रेटरी अमित बहल ने कहा, ”विक्रम जी ने हमारी इंडस्ट्री पर एक गहरी छाप छोड़ी है।सिंटा के अध्यक्ष के रूप में उनके यादगार कार्यकाल में हमने साथ में खूब मस्ती की। वो ऐसी शक्सियत थे जो बहुत सच्चे और सरल थे। विक्रम जी मेरे लिए पिता समान थे। जब मेरे पिता की मृत्यु हुई तो दुख के क्षणों में वह शक्ति के स्तंभ की तरह खड़े थे।  बड़े से बड़े स्टार के भी आगे उन्होंने अपने अद्भुत अभिनय का दम दिखाया। ऐसे महान प्रतिभाशाली अभिनेता को मेरा कोटि कोटि नमन और मेरे ,सिंटा परिवार, विश्व के हर कोने से जुड़े लोगों की ओर से हम विक्रम गोखले जी को श्रद्धांजलि देते हैं। ।”
भावुक हुई शबाना आजमी ने कहा, “जब भी मैं विक्रम गोखले जी से मिलती थी, तो मैं उनसे केवल एक सवाल पूछती थी, “हम साथ में कब काम कर रहे हैं?”  वह हमेशा मुस्कुराते और जवाब देते थे, “जब भी आप कहें।”  मुझे इस बात का बहुत दुख है कि विक्रम जी के साथ काम करने का ये सपना मेरा अधूरा रह गया”।
एक्टर परेश रावल ने कहा कि,”विक्रम गोखले का नाम अकेले ही मुझे खुशी की एक जबरदस्त भावना देता है। इतना प्यारा, दयालु और सम्मानित आदमी। उनकी उपस्थिति ने हमें सुरक्षित महसूस कराया। उन्होंने कभी किसी बात और काम को किसी पर थोपा नहीं, केवल एक अनुभवी अभिनेता के रूप में हमारा मार्गदर्शन किया। मैंने थिएटर और फिल्म में उनके प्रदर्शन देखे हैं, और उनके साथ काम करना चाहता था, लेकिन मैं मुख्य रूप से गुजराती थिएटर में काम करता हूं, इसलिए हमें कभी भी मंच पर एक साथ काम करने का मौका नहीं मिला। लेकिन फिर, दे दना दन और भूल भुलैया आयी और हमने एक साथ काम किया। उनके पास एक बहुत ही राजसी और तीव्र आभा थी”।
सुभाष घई ने आगे कहा, “विक्रम गोखले अपने आप में एक संस्था थे। उन्होंने भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने वाले अविस्मरणीय कार्यों को पीछे छोड़ दिया है। विक्रम जी एक अभिनेता के रूप में सिर्फ एक प्रेरणा ही नहीं हैं , वह एक इंसान के रूप में प्रेरणादायक थे। भगवान उन्हें आशीर्वाद दें और उनकी आत्मा को शांति दे।”
विक्रम गोखले, भारतीय सिनेमा के दिग्गज, जिनका 77 वर्ष की आयु में कई अंग विफलता के कारण निधन हो गया, उनकी कई उल्लेखनीय फिल्में थीं, जिनमें हम दिल दे चुके सनम, अग्निपथ, नटरंग, खुदा गवाह शामिल हैं। उन्होंने इस उद्योग में एक शून्य छोड़ दिया है जो हमेशा मौजूद रहेगा।

  

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